शुगर में शराब पी सकते है या नहीं: जानिए शराब का डायबिटीज पर असर
बढ़ते शराब का सेवन हमारे सामाजिक और सांसारिक जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है, इसलिए बहुत लोगों के मन में यह सवाल होता है कि शराब डायबिटीज के मरीजों पर कैसे प्रभाव डालती है? या मधुमेह के मरीजों को शराब पीनी चाहिए या नहीं?
शराब के सेवन से शरीर में होने वाली कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट्स, और शुगर की मात्रा पर बदलाव के बारे में जानना जरुरी है, क्योंकि इससे खून में शर्करा (Sugar) के स्तर पर प्रभाव डलता है।
इस ब्लॉग में हम शराब के सेवन और डायबिटीज पर उसके प्रभाव की बात करेंगे परन्तु बिना किसी नैतिकता के उपदेश के और अगर आपको लगता है की आपको इसका सेवन कम करना चाहिए तो इसके सेवन को कम करने में आपकी मदद करने की हर संभव सहायता करना चाहेंगे।
क्या होता है जब डायबिटीज रोगी शराब पीते हैं?
- जब आप शराब पीते हैं, तो आपके लीवर को शराब के तत्वों को तोड़ने की जरूरत होती है। जब आपका लिवर अल्कोहल का प्रसंस्करण (प्रोसेस) कर रहा होता है, तो यह ग्लूकोज छोड़ना बंद कर देता है। नतीजतन, आपका रक्त शर्करा का स्तर तेजी से गिर सकता है, जिससे आपको निम्न रक्त शर्करा (हाइपोग्लाइसीमिया यानी लौ-ब्लड शुगर) का खतरा हो सकता है।
- शराब का सेवन ऑरल एंटीडायबिटिक (Anti-diabetic ) दवाओं के साथ करने से भी हाइपोग्लाइसीमिया (रक्त शर्करा का कम होना यानी लौ-ब्लड शुगर) का कारण बन सकता है।
- खाली पेट शराब हाइपोग्लाइसीमिया का कारण बन सकती है, खाली पेट शराब पीने से आपका ब्लड शुगर खतरनाक स्तर तक कम हो सकता है। और हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण जैसे चक्कर आना, अस्थायी अक्षमता, या भूकम्प जैसा अहसास इत्यादि लक्षण दिखाई दे सकते हैं जो एक दम रोगी के लिए खतरनाक स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
- शराब सेवन के कारण डायबिटीज में हाइपोग्लाइसीमिया हो सकती है, विसेरल फैट के कम करने में बाधा रहती है क्योंकि शराब शरीर के ग्लूकोज के स्तर को कम कर सकती है। यह डायबिटीज रोगियों के लिए खतरा बढ़ा सकता है और उनकी इंसुलिन या अन्य डायबिटीज दवाओं के प्रभाव को प्रभावित कर सकता है।
- शराब का सेवन शरीर से माइक्रो-नुट्रिएंट्स को बाहर निकलता रहता है जिससे शरीर में एक कमजोरी कि स्थिति बनी रहती है। वास्तव में ये शरीर से जो शुगर के रोगी के लिए और हानिकारक है। शराब पीने के बाद कम हुई शुगर को पूरा करने के लिए लोग अधिक शुगर (प्रोसेस्ड) का सेवन करते हैं जिससे उनके शरीर को अतिरिक्त शुगर के चयापचय (Metabolise) के लिए इन्सुलिन कि आवश्यकयता पड़ती है जो शराब पीने के बाद पहले ही कम मात्रा में उत्पन्न हो रहा होता है।
- लगातार शराब पीना आपकी नींद पर भी बहुत असर डाल सकता है और अगर आप एक हफ़्ते तक अच्छे से ना सो पाएँ या कम सोयें तो यह स्वस्थ व्यक्ति को भी प्री डायबिटीक (Pre-diabetic) रेंज में लेकर आने का ख़तरा बना देता है।
तो अब आपके मन में ये सवाल आ सकता है कि अगर शराब शुगर के स्तर को कम करती है तो क्यों ना इसका सेवन अधिक किया जाए ? परन्तु शरीर हर समय गणित से नहीं चलता और इसमें बायोकेमिस्ट्री, बायोफिजिक्स तथा शरीर कि खुद चयपचय क्रिया (metabolism) शामिल रहती हैं।
अतः आप स्वतः ही निर्णय ले सकते हैं कि क्या डायबिटीज का रोगी होने के बाद आपको शराब का सेवन करना चाहिए या नहीं?
अधिक शराब पीने से अल्कोहॉलिक केटोएसिडोसिस (Alcoholic ketoacidosis) कि सम्भावना भी बढ़ जाती जिससे अगर रोगी पहले ही डायबिटिक है तो उनके शरीर में भी अत्याधिक अम्लता की स्तिथि उत्पन्न हो जाती है जिससे उलटी, चक्कर आना, पेट में दर्द, मुँह का सूखना, ब्रेन फोग आदि लक्षण उत्पन्न होते सकते हैं और व्यक्ति को हॉस्पिटल में भर्ती करने तक की स्थिति गंभीर पैदा हो जाती है।
शराब का सेवन रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) को बढ़ाता है और अगर किसी डायबिटीज के रोगी को रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) की शिकायत है तो उसके सेहत के लिए नुकसान का कारण बन सकता है।
कौन सी शराब या ऐल्कोहॉल बिल्कुल ना लें?
- मीठी शराब जैसे डेसर्ट वाइन, शेरी, पोर्ट आदि में अधिक मात्रा में शुगर होता है।
- स्वीट मिक्सर्स, कॉकटेल्स, प्रीमिक्स्ड ड्रिंक्स आदि में भी अधिक मात्रा में शुगर और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं।
- इसी तरह बाकी शराब जैसे रम, वोडका आदि में अधिक Distlilation करके बनाई जाती हैं जिसमे शुगर की मात्रा अधिक होती है और इनमें अन्य सामग्री भी हो सकती है जो शरीर के शर्करा के स्तर (Sugar level) को खराब कर सकती है।
संतुलित आहार
डायबिटीज में आहार (Diet) का महत्वपूर्ण योगदान होता है। एक स्वस्थ और संतुलित आहार डायबिटीज को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है और हाइपोग्लाइसीमिया जैसी समस्याओं को कम कर सकता है। शराब के सेवन के समय तो ये अत्यंत जरूरी हो जाता कि आप अपनी आहार पर ध्यान दें।
भोजन में किस तरह का कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, और फाइबर को संतुलित रूप से शामिल करना चाहिए और शराब की मात्रा को उचित रूप से नियंत्रित करना चाहिए। चिकित्सक द्वारा अनुशंसित डाइट प्लान का पालन करें और शराब सेवन के दौरान प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम करने के लिए जरूरी सुधार करें।
व्यायाम
व्यायाम भी डायबिटीज के प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है। नियमित व्यायाम करना शरीर के ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है और शराब के सेवन के प्रभाव को भी संतुलित करता है। अपने चिकित्सक से सलाह लें कि आपके लिए कौन से व्यायाम योग्य हैं और किस प्रकार योग प्राणायाम आपकी मदद कर सकता है।
एक बार जब आप स्वस्थ आदतें बना लेते हैं, तो आपके लिए अपनी मनो-स्वास्थ्य आवश्यकताओं पर बेहतर नियंत्रण रखना आसान हो जाएगा और व्यसनो पर भी।
अपने शराब के सेवन को सीमित करने के लिए समर्थन ग्रुप या सहायता ढूंढें, यदि आपको शराब के सेवन को नियंत्रित करने में समस्या होती है।
ध्यान दें कि यह प्रकाशन केवल सामान्य सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से हैं और आपको अपने चिकित्सक की सलाह के अनुसार अपनी व्यक्तिगत स्थिति पर इस्तेमाल करनी चाहिए। यदि आप को डायबिटीज से संबंधी समस्या है, हम आपको सलाह देंगे की आप संपूर्ण शुगर आयुर्वेदिक इलाज लेने पर विचार किजिए एवं जिंदगी भर गोलिया खाने से बचे।